My Wanderings 165
My Urdu Nazmo Ghazal 43
ऐक गजल
किसी ओर के किरदार पे तजकिरा ना कीजिए
पहले अपनी शख्सियत का जायजा तो लीजये।
कुदरत ने हर बन्दे को खूबियौ से नवाजा है
हर एक बन्दे को अपने हुनर का अन्दाज़ा है।
बेवजह किसी के हुनर को ना आजमा लीजिए
किसी और के किरदार पे तजकिरा ना कीजिए।
पहले अपनी शख्सियत का जायजा तो लीजिए।
किसी और की नुक्ताचीनी बडी आसान होती है
अपने आप पर तनकीद करना मुश्किल होता है।
कम्मिया कभी किसी की नजर अन्दाज भी कीजिए
किसी ओर के किरदार पे तजकिरा ना कीजिए।
पहले अपनी शख्सियत का जायजा तो लीजिए।
औरो की खूब्बियू का बयान करना लाज़मी है
क्न्योकि हर ऐक मे कम्मियौ से ज्यादा खूब्बिया है।
और अपनी कम्मिया गिनवाने से परिहेज ना कीजिए
किसी और के किरदार पे तजकिरा ना कीजिए ।
पहले अपनी शख्सियत का जायजा तो लीजिए ।
अगर तुम चाहते हो लोग तुम्हे अच्छा समझे
तो अपनी अच्छाई का कभी जिक्र ना कीजिए।
जितना हो सके अपनी बुराईया पहचान लीजिए
किसी ओर के किरदार पे तजकिरा ना कीजिए।
पहले अपनी शख्सियत का जायजा तो लीजिए।
डून्डनी है "रमेश' तो दूसरे की खूब्बिया डून्डये।
उसको अपनी खूब्बियू से पहचान करा लीजिए।
अपनी खूब्बिया निखारने का उन्हे मशवरा तो दीजिए ।।
किसी ओर के किरदार पे तजकिरा ना कीजिए ।
पहले अपनी शख्सियत का जायजा तो लीजिए ।।
रमेश कौल
rkkaul.blogspot.com
No comments:
Post a Comment